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Saturday 23 November 2013

धर्मान्धता

शिवाजी द्वारा औरंगजेब को लिखे गए उनके पत्र में -

"शहंशाह !अगर सचमुच  कुरान में  आपको  भरोसा है तो आप रब्ब-उल-अलामीन (सबके खुदा) को मानेंगे न कि रब्ब-उल-मुसलमीन ( मुसलमानों  के खुदा )  को.........धर्मान्धता दिखाना कुरान के लफ्जों को बदलने जैसा है."

                इश्तियाक हुसैन  कुरैशी कृत 'दि मुस्लिम कम्युनिटी ऑफ दि इंडो-पाकिस्तान सबकांटिनेंट',पृ164,  राजमोहन गाँधी कृत "मुस्लिम मन का आइना" में पृ 25 पर  उद्धृत

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